कर्मचारियों के पीएफ के 1.84 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में आखिरकार मैन पावर की सप्लाई करने वाली रावी बिजनेस सॉल्यूशंस लि. (शिवलोक कॉलोनी) कंपनी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद हरिद्वार की रानीपुर कोतवाली पुलिस हरकत में आई और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की छह माह पुरानी तहरीर पर कार्रवाई की गई।
ईपीएफओ ने अपनी जांच में पाया था कि रावी बिजनेस सॉल्यूशंस लि. कंपनी ने कर्मचारियों का पीएफ तो काटा है, मगर उसे जमा नहीं कराया गया। संगठन की जांच में एक करोड़ 84 लाख 18 हजार 69 रुपये का गबन पाया गया था। इस पर ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने कंपनी को नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा कराने को कहा था। मगर, इसके बाद भी पीएफ जमा नहीं कराया गया। ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी भूपाल सिंह बिष्ट ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए रानीपुर कोतवाली में मई माह में तहरीर दी थी। हालांकि, पुलिस ने इस पर मुकदमा दर्ज नहीं किया और तहरीर पुलिस की फाइल में डंप पड़ी रही। इसको लेकर जागरण में 22 नवंबर के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बताया गया था कि केंद्रीय एजेंसी की तहरीर पर भी पुलिस आरोपित कंपनी संचालक को बचाने का काम कर रही है। खबर का संज्ञान लेकर शनिवार को कंपनी ने रावी सॉल्यूशंस के संचालक राकेश कुमार निवासी शिवलोक कॉलोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। मामले की जांच उपनिरीक्षक विकास रावत को सौंपी गई है। रानीपुर कोतवाली प्रभारी शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी गई है। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि कर्मचारियों ने अपना पीएफ निकालने के लिए ईपीएफओ में आवेदन किया, तब जाकर पता चला कि उनका पीएफ जमा ही नहीं कराया गया है। कंपनी ने सिडकुल, हरिद्वार के साथ-साथ ऊधमसिंहनगर के कई कर्मचारियों की पीएफ की राशि में भी हेरफेर किया है।
'>>ईपीएफओ की तहरीर पर छह माह बाद रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज
'>>कर्मचारियों के पीएफ के 1.84 करोड़ रुपये हड़पने का मामला