स्कूली शिक्षा में वचरुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में वचरुअल क्लास का उद्घाटन किया। वर्तमान में 150 विद्यालयों को जोड़ा जा चुका है। अगले एक पखवाड़े में शेष 350 चिन्हित विद्यालयों को भी जोड़ दिया जाएगा। इस योजना के तहत कुल 1200 स्कूलों को जोड़ा जाना है।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक को माध्यम बना उत्तराखंड में शिक्षा में यह एक नए युग की शुरुआत है। जहां किसी विषय विशेष के अध्यापक नहीं हैं, वहां वचरुअल क्लास के माध्यम से उस विषय की पढ़ाई कराई जाएगी। इससे लगभग 1 लाख 90 हजार बच्चे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक शिक्षक का स्थान नहीं ले सकती है, पर जहां शिक्षक नहीं हैं, वहां यह उपयोगी रहेगी। इससे शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा प्रदेश की विद्यालयी शिक्षा के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। भौगोलिक विषमताओं को देखते हुए हाई क्वालिटी एजुकेशन मे यह सुविधा बहुत उपयोगी रहेगी। विद्यालयी शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वचरुअल क्लासरूम कार्यक्रम, समग्र शिक्षा के अंतर्गत सूचना एवं संचार तकनीक (आइसीटी) के तहत संचालित है। इसमें सैटेलाइट इन्टरएक्टिव टर्मिनल (एसआइटी) और रिसीव ऑन्ली टर्मिनल (आरओटी) के माध्यम से टू-वे इंटरेक्टिव प्रणाली के माध्यम से देहरादून स्थित चार सेंट्रल स्टूडियो से प्रदेश के 500 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को जोड़ा जा रहा है। जिनमें दो स्टूडियो तैयार हैं। सेंट्रलाइज्ड स्टूडियो के माध्यम से विषय विशेषज्ञों द्वारा कक्षा 6-12 तक के विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। यह नहीं परीक्षाओं की तैयारी, अतिरिक्त वादनों की व्यवस्था, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जा सकेगी। छात्रों को कॅरियर गाइडेंस भी प्रदान किया जा सकेगी। इसके माध्यम से छात्रों के साथ ही शिक्षकों, अभिभावकों और अन्य हितधारकों से सीधा संपर्क स्थापित कर वार्ता भी का जा सकेगी। इस दौरान माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। संचालन एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती ने किया।